Tuesday 31 March 2015
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झूठ कुछ भी नहीं real life incest story

यह मेरी एक सच्ची कहानी है। इसमें ग़लत और झूठ कुछ भी नहीं है! मैं हिमाचल में अभी रह रहा हूँ पर मैं हरयाणा से हूँ! मेरे पास होटल भी है और मैं बहुत ही कूल पॉइंट पे हूँ! मेरी उमर २७ साल है मैं जितना ही कम उमर का हूँ उतना ही बड़ा लंबा और चौड़ा हूँ। मैं अभी अविवाहित हूँ मैंने आज तक बहुत फुद्दी, गांड मारी है! पर जितना मज़ा बड़ी उमर की फुद्दी में है किसी में नहीं है! 

ऐसे ही एक मेरी चाची मेरे से २० साल बड़ी मतलब कि वो ४७ की पर मैं २७ का, उसकी फिगर ३८ ३२ ४० थी! मैं ऐसे ही उनके घर चला गया। चाचा मेरे ड्यूटी करते थे, उनके ड्यूटी जाने के बाद एक दिन मैं सुबह अपनी चाची के साथ रसोई में काम करवा रहा था। उसके बूब्स मेरे साथ टकरा गए और मेरा लण्ड पूरा गर्म हो गया। इतने मैं पूरा गरम हो गया। मेरी चाची ने देखा कि मेरे चेहरे का रंग पूरा लाल हो गया था मेरी चाची ने पूछा- क्या हुआ तुम्हें? 

मैं एकदम चुप कर गया, मैंने बोला- मेरे को बाथरूम जाना है अभी। 

मेरी चाची बोली- ठीक है। 

जैसे ही मैं गया मैंने अपना लण्ड निकाला तो वो पूरा ८.५" का हो गया था। मेरी चाची वो सब कुछ बाथरूम की खिड़की से देख रही थी मेरे को नही पता था। जैसे ही उसने मेरे लण्ड को देखा वैसे वो ओहह्ह्ह्ह्छ आह्ह्ह्ह्ह्ह्छ करने लगी। मैं कुछ समझा नहीं कि यह आवाज़ें कहाँ से आ रही हैं। मेरा जैसे ही काम हुआ और मैं बाहर निकलने लगा तो देखा कि मेरी चाची ने अपनी बुर में ऊँगली डाली हुई थी और पूरी मस्ती में थी। 

मैं चुपचाप देखता रहा, जब उसका काम हो गया तो मैंने बोला- चाची यह तुम क्या कर रही थी! मेरी चाची ने बोला मेरे को कि इतना बड़ा लण्ड कभी नहीं मिला जो मैंने बाथरूम की खिड़की से तुम्हारा देखा। 


मैं चुपचाप देखता रहा, जब उसका काम हो गया तो मैंने बोला- चाची यह तुम क्या कर रही थी! 

मेरी चाची ने बोला मेरे को कि इतना बड़ा लण्ड कभी नहीं मिला जो मैंने बाथरूम की खिड़की से तुम्हारा देखा। 

मैंने बोला- चाची मैं ४ साल से तुम्हारी बुर के बारे में सोचता रहता था पर आज तुम मौके पर मिली हो, आज मैं तुम्हें नहीं बक्शूंगा! मैं उसे बिस्तर पर उठा के ले गया। उसकी ब्रा खुली तो कभी सोच नहीं सकता कि इतने बड़े मुम्मे होंगे। जैसे ही मैंने पकड़े मेरी चाची के मुम्मे, मेरा लण्ड ५ मिनट मैं दुबारा खड़ा हो गया। ऐसा चूसा मैंने चाची को कि आज भी वो अपनी दूसरी सुहागरात याद करती है। जैसे ही मैंने अपना लण्ड चाची की फुद्दी के साथ लगाया मेरी चाची बड़ी गरम हो गयी बोली- एक बार अन्दर डालो, मैं बहुत सालों से प्यासी हूँ। 

जैसे ही मैंने डाला तो वो रोने लगी मैंने बाहर निकाला तो मेरे को बोली- अन्दर डालो! मैं एक अच्छा खिलाड़ी हूँ। २५+ उमर की फुदी का, कोहिनूर का एक्स्ट्रा टाइम कंडोम था। 

मैंने चाची को तीन बार झाड़ दिया पर आखिरी मैं हार गया मेरा भी काम हो गया। वो चाची के साथ दिन आज भी मेरे याद आते हैं। 

ऐसे ही बहुत फुदी मारी मैंने।
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